Tuesday 7 November 2017

energy and environment

                             इलेक्ट्रिकल  सेक्शन       

 प्रात्यक्षीक  नं :-  १. कांडी  कोळसा  तयार  करणे .

             
    साहित्य व  साधने :-   लोखंडी ड्रम , माचीस ब्यॉक्स , agri west , गव्हाचे  पीठ १ kg , ड्रील  मशीन , बादली , एक  छोटा  पाईप  इत्यादी .


 कृती :- प्रथमता एक ड्रम गेतला  त्या ड्रम ला १२/१३  होल पाडले  .    त्या ड्रम मधे कचरा टाकला . व त्यला पेटवले नंतर त्यला जाकन लावले तो कचरा पूर्ण पेटत पर्यंत टेवला तो पूर्ण petlyvar त्यत पाणी व गवाचे पिट टाकले ते मिक्स केले ते एका puc पाईप मधे भरले व दुसऱ्या पाईप ने बाहेर काढले नंतर ते एका पत्रावर वाळत ठेवले ते पूर्ण  वाळल्यावर  त्याचे  वजन  करून  ते  प्याकिंग  केले।    
                                                                                                                     निरीक्षण :- १. कचरा  ७  १/2 kg  वापरला   होता .
                       २ . वाळलेल्या  झाडाच्या  शेंगा  वापरल्या  होता .
                        ३. तो  कचरा  जळन्यास  २  १/२   तास  लागले .
                       ४।  तयार  झाल्यावर  त्याचे  वजन              kg  भरले।
                       ५।  कांडी  कोळस्यात  १kg  गव्हाचे  पीठ  वापरले।
                        ६।  कांडी  कोळस्याचे  वाळल्यावर   वजन        kg  इतके  भरले।


      अनुमान :- १ कांडी  कोळसा  हा  कार्बन  न  तयार  करता  राख  तयार  करते . 
  २  कांडी  कोळसा  जळताना  त्यातून  धूर  निघत  नाही .

  ३  कांडी  कोळस्यासाठी  वापरलेल्या  कचरा :- 7 kg 
      
     ते  जळल्यानंतरचे  वजन :- 2 kg 400 gm










                 २  सेफ्टीचे   नियम      

  
            १ :-  कोणतेही  इलेक्ट्रीकल  काम  करण्या पूर्वी  मेन स्वीच  बंद करावा .

२ :- कोणतेही  इलेक्ट्रीकल  काम  करण्यापूर्वी  रबरी  शूज , हँडग्ल्लोज  घालावे .

३ :- Transmission line वर  काम  करतेवेळी  हँडग्ल्लोज  हाताच्या   कोपरा पर्यंत  असावेत. व त्याची  कपॅसिटी  तारेच्या  होलटेजवर  अवलंबून  असते .

४ :- Tools  ला  Insulation  असावे  व  Tools  चांगले  असावे . Tools ला  Oiling  व  Grip Proper  असावी .

 ५ :- काम  करतेवेळी  Taster व  Multimiter   जवळ  असावीत .

६ :- काम  करतेवेळी  शक्यतो  मान्यताप्राप्त  सामग्री  असावी .

७ :- इलेक्ट्रीकल काम करतेवेळी आपल्याजवळ  लाकडी  फळी  किवा  रबरी  मॅट  असावी .

८ :- ज्या  व्यक्तीकडून  आपण  काम  करून  घेत  आहोत त्या  व्यक्तीकडे  Licence  किंवा प्रमाणपत्र  असावे .

९ :- High  voltge  असलेल्या  ठिकाणी  Sigh  बोर्ड्स  असावे .

१० :- High  voltage  असलेल्या  ठिकाणी  सुरक्षिततेची  ज्यास्त  काळजी  घ्यावी .

 ११ :- उंच  ठिकाणावर  काम  करण्यासाठी  लाकडी  सीडी  वापरावी .

१२ :- कोणत्याही  उपकरणावर  काम  करण्याआधी  त्याचा  वीज  पुरवठा  बंद  करावा .

१३ :-  गरजेपुरते  वायरचे  Insulation  काढावे .

14 :- Insulation  नसलेल्या  वायरी  किंवा तारा  त्यांना  हात  लावू  नये .       
१५ :- घरातील    ELECTRIC bord  योग्य  उंचीवर  असावे . 

१६ :- Electrical  ची  आग  पाण्याने  विजवू  नये .

१७ :- Earthing  Proper असावी .




   ३ कांडी कोळस्याची  कार्यक्षमता तपासून पाहणे 


साहित्य  व  साधने :- कुल , माचीस  पेटी , कांडी  कोळसा , पतिले , थर्मा  मीटर , पाणी  इत्यादी 


कृती :- १ सर्वात  प्रथम  कांडी  कोळसा पूर्ण  वाळलेला  असावा
  
       २  कोळसा चुली मध्ये टाकून तो पेटवला .

           ३  तो पेटल्यावर  पतिले ठेऊन त्या पाणी तापत  ठेवले .

      ४   पहिल्यांदा  सुरवातीचे तापमान  घेतले  ते (२७) होते
  

  दर  ४ ते ५ मिनिटाला  तापमान  घेतले

 ३;११-३३                 ३:३९ -५२              ४:२५ -७० c  तापमान

३:४४ -५६                  ३:४४ -५६ 

३:१४ - ३९                ३:४९ -५७

३:१९ - ४४               ३:५४ -६४

३:२४ -४६                 ३:५९ - ६५  

३:२९ -४९                 ४:०० - ६६

३:३४ -५१               ४:२२- ६९



निरीक्षण :- १ पहिल्यांदा  कोळसा  पेटवला  तेव्हा  थोडा  धूर  निघत  होता. 
२  नंतर  धूर  येण्याचा  बंद  झाला .

३ फॅन लाव्लकी ते जलद  पेटायचे 


                     ४  TOOLS            



ELECTRICIAN  PLIER:-याचा  वापर  मोठ्या  वायरी  कट  करण्यासाठी  होतो  तसेच  वायरी  आवळण्यासाठी  करतात .

WIRE  STRIPPER:- याचा  वापर  छोट्या  वायरीचे  इन्सुलेशन  काढण्यासाठी  करतात  किंवा  त्या  कट  करण्यासाठी  होतो .


PUSH  PULL  STEEL  TAPE :- याचा  वापर  मापे  मोजण्यासाठी  होतो .

HACK  SAW:- याच्या  साहाय्याने  पाईप , लाकूड , लोखंड तोडले  जाते.


FIRMER  CHISEL:- याचा  वापर  मोटर  वायडिंग  तोडताना  होतो .


SCREW  DRIVER :- याचा  वापर  स्क्रू  काढण्यासाठी  किंवा  बसवण्यासाठी  होतो .


LINE  TESTER :-  याचा  वापर  करंट  चेक  करण्यासाठी  होतो .


HAMER  BALL  PEIN :-याचा  वापर  खिळे  ठोकण्यासाठी  होतो .


SOLDERING  GUN :-  याचा  वापर  सोल्डरिंग  करण्यासाठी  होतो .


POWER  DRILL  MACHINE :-  याचा  वापर  होल  पाडण्यासाठी  होतो .



  ५    इलेक्ट्रकल  सर्किट                           





उद्देश :- सर्किट  बद्दल  माहिती  मिळवणे .




साहित्य :-  टेस्टर , स्र्तीपर , पक्कड , हातोडी ,ड्रील  मशीन  इत्यादी .



कृती :- वरील  साहित्याचा  वापर  करून सर्किटची  जोडणी  केली . ते  बरोबर  आहेका  ते  चेक  केले . 



अनुमान :-  १ सिंपल  सर्किट  मध्ये  एकच  बल्ब  किंवा  एकक  वस्तू  असते . व  एक  स्वीच  असते .

२  सिरीज  सर्किट  मध्ये  दोन  बल्ब  सिरीज  मध्ये  असल्यामुळे  त्यांना  दिलेला  vattage  विभागले  जाते .
त्यामुळे  ते  बल्ब  पेटतात .

३ पॅरलल  सर्किट  आपण  मेन  लाईन  मधून  प्रत्येक  वस्तूला  स्वतंत्र  स्वीच  वर  voltej घेतो .आपण  एका  रूम  मधून  दुसऱ्या  रूम  मध्ये  supply  देतो .



         ६  जॉईन्टचे   प्रकार 


उद्देश :- जॉईन्टचे  प्रकार  अभ्यासणे .


१ सिंपल  जॉईन्ट:- हा  जॉईन्ट  आपण  घरामध्ये  किंवा  साधी  वायरिंग  करताना  याचा  वापर  करतात .

२  मॅरिड  जॉईन्ट:-  हा  खांबावरील  तार  अर्ध्यावर  पुरत  नसल्यास  वापरतात .

३ युनियन  जॉईन्ट:- हा जॉईन्ट  मोठ्या  खांबावर  मारला  जातो ,पण  हा जॉईन्ट  सरळ  मारता  येत  नाही . तर  आपण  मध्ये , सुरवातीला आणि  शेवट  अशा  प्रकारे  मारला  जातो .

४  ब्रिटानिया  जॉईन्ट:- हा जॉईन्ट  आपल्याला  कधी  पाण्यातून  सप्लाय  घ्यायचा  असल्यास  मारला  जातो. 

५  टी - जॉईन्ट:- हा जॉईन्ट  दुसरीकडे  सप्लाय  द्यायचा  असल्यास  मारला  जातो .

७ सिंपल सर्कीट व ओहमचा नियम अभ्यासणे .

उद्देश : एका स्वीचाने एक दिवा नियत्रित करणे .

साहित्य : होल्डर ,वायर ,स्वीच ,कटर ,पक्कड दाबाच्या समप्रमाणात व विरोधाच्या समप्रमाणात असतो .

I= V / R
I =विद्युत प्रवाह .
V =व्होल्टेज .
R =विद्युत रोध

     ८ मोटार  अभ्यासणे                                                                                                                                         

                         मोटार खोलताना लागणारे


     टूल्स :-         १. टेस्टर २. स्पॅनर ३. हॅमर ४. लाकडी ठोकला ५. मल्टिमीट


 * मोटारचे पार्ट :- १. बेरिंग २. कॅप्यासीटर ३. बेरिंग कॅप ४. रोटर ५. फॅन ६. कोइल ७. स्लॉट

                             ८. कव्हर बॉडी ९. बुश १०. कनेक्शन प्लेट ११. इम्पेलर १२. फूटबॉल

  * १ एच पी मोटर खोलली :- 

 आलेली अडचन :- मोटारचा इम्पेलर घासत होता. पाणी लिक होत                                                                        होते. 




केलेले उपाय :- इम्पेलर ला रबरी प्याकिंग टाकली. त्यामुळे पाणी लिक होण्



                motor साठी प्रतिमा परिणाम


motor साठी प्रतिमा परिणाम




         

       ९ अर्थिंग करणे 

        आर्थिग

       costing 

       वस्तू            kg               कींमत   

1]      मीठ            ६                 ९०  

२]     कोळसा        ८               १६०  

३]    अलुनियम प्लेट 1             ८० 

 ४]   आर्थिग वायर   २ m          ९०         

५]   आर्थिग पावडर    ७           १८० 


६] आर्थीग रॉड          २.५ f      ५० 

उद्देश - १. अर्थिंग करणे. 
            २ . कमी रजिस्टन आणणे .    

साहित्य -  काॅपर  प्लेट, जी आय पाईप, वाळु, कोळसा, विटाचे तुकडे,                     मीठ, बॅंक फिल्ड ( पावडर ). 

साधने -  फावडे, पहार, टिकाऊ, पक्कड, कटर.

कृती - १. अर्थिंग करण्यासाठी ओली जागा किंवा जमीन असली पाहिजे.    

          २. आम्हाला कुलकर्णीच्या रूमसाठी  अर्थिंग करायची होती म्हणून  जागा निवडली.

         ३.आम्ही 1 sq मीटर रुंदीचा खड्डा खोदला. खड्याची खोली 1          मीटर खोल केला.

         ४. खड्यामध्ये पाणी टाकले. GI पाईपला काॅपर प्लेट जोडून वायर               जोडली.

         ५. GI पाईपच्या  भोवती बॅंकफिल्ड पावडर चा ब्लोक केला. त्याने                  रेजीस्टंस कमी होण्यास मदत होते. 

         ६. त्यानंतर माती, विटांचे तुकडे, कोळसा, मीठ, बॅंकफिल्ड पावडर,             यांचा योग्य थर दिला.

निरीक्षण -      . ३ ते ४ ओहम पर्यंत  रेजीस्टंस आलातर अर्थिंग चांगली                           आहे. अशी अर्थिंग  कोणत्याही मशिन साठी वापरू शकतो.  

अनुमान - आम्ही ही अर्थिंग घरासाठी साठी वापरली. त्यामुळे




     १० मोटर  रिवायडिंग  करणे   

उद्देश :- मोटरची  वायर  किंवा कॉईल  जळाली  असेल  तर  रिवायडिंग  करणे . मोटर  खोलणे  व  मोटारच्या  पार्ट  चा  अभ्यास  करणे .

साधने :- फार्म , सप्यॅनर सेट , टेस्टर , मल्टी  मीटर , बादली ,सिरीज  लॅम्प , वायर , गेज मीटर , पॉलिश पेपर इत्यादी
साहित्य :- p.v.c. पाईप , इन्सुलेशन  टेप , वॉटर टेप , नायलॉन कोल  टेप, गेज  नुसार  वायर , कपॅसिटर, स्लीव इत्यादी

कृती :- १ मोटार  मधील  जळालेली कॉइल काढताना  स्टेटर तुटणार  नाही  याची  काळजी  घेऊन  कॉइल  काढणे .
२ व  दाटा  लिहून  घेतला .
३ एक स्टाटिंग व एक रनिंग अशा  एका एका कॉइलचे वजन  घेऊन  वायर  आणली .
४ त्या  नंतर  डाटा पाहून  pitch नुसार  मापे घेऊन coil बनवली.
५ व त्यात्या  पिचम्ध्ये coil टाकली व कॉटन टेपने बांधून त्यावर  वॉरनिरिंग केले व सुकण्यासाठी ठेऊन दिले .
निरीक्षण :- १ मोटार रिवायडिंग करताना कनेक्शन महत्त्वाचे आहे .
          २ सर्व कॉईल एकाच  दिशेने फिरली पाहिजे हे समजले .
          ३ कॉइल चेक करताना स्टेटर मध्ये magnet तयार झाले.

 अनुमान :- coil जर व्यवस्तित भरली व व्यवस्तीत कनेक्शन केल्यावर रोटर व इम्पेअर 

फिरला पाहिजे         
बायोग्यास  अभ्यासने


                      ११    बायोग्यास 

१. टाकाऊ पदार्थ :- शेण , फळांच्या साली , मेलेले प्राणी , हॉटेल किंवा घरातील उरलेले अन्न                                 पदार्थ.        

२. तापमान :- ३७

      ३. पाणी :- पाणी हे टाकाऊ पदार्थांच्या समान असले पाहिजे. 

3 बायोगासाठी वापरलेली साधने :- डोम, पाईप, इन्सुलेशन टेप , खड्डा खोदण्यासाठी फावडा,                                                      टिकाऊ. 

बायोगॅस मधून मिळणारे वायू :- मिथेन . मिथेन हा ज्वलनशील वायू आहे. *

                                                  बायोगॅस तयार होण्यासाठी किटाणू महत्वाचा

 
               

 

 

                  १२       ट्युबलाईट 

 
 

                                                                                                                               

उद्देश :- १. कनेक्शन करणे. २. ञृटी काढने.

 साहीत्य :- टेस्टर , स्र्कू ड्रायव्हर, पक्कड, कटर, स्टीपर, सिरीज लॅम्प.

 साधने :- इन्सुलेशन टेप, टूब होल्डर, बालास, स्टाटर, कॉपर वायर.

  


 कृती :- १. आम्हाला एक बंद टूब लाईट रिपेअरिंग ला भेटली. टूबच्या वायरला मेन सप्लाय                       येतो का नाही ते चेक केले. सप्लाय येत येतो.
               २. टूब सिरीज लॅम्पवर चेक केली.             
              ३.  टूबचे सर्किट चेक केले. सर्किट पूर्ण होत होते. 
tube light repairing साठी प्रतिमा परिणाम





tublight repiring साठी प्रतिमा परिणाम



१३ सिंपल सर्कीट व ओहमचा नियम अभ्यासणे .

उद्देश : एका स्वीचाने एक दिवा नियत्रित करणे .

साहित्य : होल्डर ,वायर ,स्वीच ,कटर ,पक्कड

कृती :प्रथम एक वायर स्विचला जोडली .तीच वायर पुन्हा होल्डरला जोडली .दुसरी वायर घेतली ती होल्डरला जोडली व त्या दोन वायरींना प्लग पिन जोडली व ती बोर्ड मध्ये बसवली .नंतर होल्डरला बल्प बसवला व स्वीच चालू केला .अशा प्रकारे आम्ही एका स्वीचने एक दिवा नियत्रित केला .

ओहमचा नियम :- वाहकाची भौतिक अवस्था कायम असताना त्यातून जाणारा विद्युत प्रवाह       

 प्रात्यक्षीक  नं :-  .

             
    साहित्य व  साधने :-   लोखंडी ड्रम , माचीस ब्यॉक्स , agri west , गव्हाचे  पीठ १ kg , ड्रील  मशीन , बादली , एक  छोटा  पाईप  इत्यादी .


 कृती :- प्रथमता एक ड्रम गेतला  त्या ड्रम ला १२/१३  होल पाडले  .    त्या ड्रम मधे कचरा टाकला . व त्यला पेटवले नंतर त्यला जाकन लावले तो कचरा पूर्ण पेटत पर्यंत टेवला तो पूर्ण petlyvar त्यत पाणी व गवाचे पिट टाकले ते मिक्स केले ते एका puc पाईप मधे भरले व दुसऱ्या पाईप ने बाहेर काढले नंतर ते एका पत्रावर वाळत ठेवले ते पूर्ण  वाळल्यावर  त्याचे  वजन  करून  ते  प्याकिंग  केले।    
                                                                                                                     निरीक्षण :- १. कचरा  ७  १/2 kg  वापरला   होता .
                       २ . वाळलेल्या  झाडाच्या  शेंगा  वापरल्या  होता .
                        ३. तो  कचरा  जळन्यास  २  १/२   तास  लागले .
                       ४।  तयार  झाल्यावर  त्याचे  वजन              kg  भरले।
                       ५।  कांडी  कोळस्यात  १kg  गव्हाचे  पीठ  वापरले।
                        ६।  कांडी  कोळस्याचे  वाळल्यावर   वजन        kg  इतके  भरले।


      अनुमान :- १ कांडी  कोळसा  हा  कार्बन  न  तयार  करता  राख  तयार  करते . 
  २  कांडी  कोळसा  जळताना  त्यातून  धूर  निघत  नाही .

  ३  कांडी  कोळस्यासाठी  वापरलेल्या  कचरा :- 7 kg 
      
     ते  जळल्यानंतरचे  वजन :- 2 kg 400 gm







१४  जमिनीचा नकाशा व जमिनीचे क्षेत्रफळ काढणे .  





उद्देश : जमिनीचा नकाशा व जमिनीचे क्षेत्रफळ काढणे इत्यादी ... 


साहित्य : पेन , पट्टी , ड्रॉईंग पेपर , वही , खोड रबर इत्यादी ... 


साधने : टाचणी , मीटर टेप , कंपास , वळंबा , अडीलेड पट्टी , रेजींग रॉड ,
              लेवर टयूब , प्लेन टेबल , ड्राय पॉड इत्यादी ... 


कृती : १] सर्वातप्रथम ड्रायपॉड टेबल साठी जागा निवडली . 
           २] टेबल लेवल मध्ये लावला . 
           ३] u सेप पट्टीच्या साहाय्याने  टेबलचा सेंटर पॉईंट शोधला . 
           ४] निवडलेल्या जागेच्या समोरच्या कोपऱ्यात रेजींग रॉड सरळ 
                  लावला . 
           ५] त्यानंतर रेजींग रॉय व टेबल यांच्यातील अंतर टेपच्या 
                साहायाने मोजले . 
           ६] अडिलेड पट्टीच्या साहाय्याने धाग्याच्या छिद्रा नंतर समोर 
                असलेल्या छिद्रातून अशा प्रकारे रोडला पाहिले . त्यानंतर 
                  ड्रॉईंग पेपर वरती पॉईंट काढून तो पट्टीच्या साहयाने आखून                        घेतला . संपूर्ण जागेचे अंतर मोजून झाल्यावर आम्ही त्या
                     जागेचे क्षेत्रफळ काढले . 

                           १cm =१०cm 
                         १०mm = १००mm 
                          १mm = १०mm 


    आम्ही निवडलेल्या जागेचे क्षेत्रफळ =१११. ३८ ५cm 
            इतके आले . 




निरिक्षण : १] आम्ही प्रथम हे प्रात्यक्षिक केले ते आमचे चुकले कारण 
                      आम्हाला निवडलेल्या जागेचा नकाशा निट काढता आला 
                       नाही . त्यामुळे आमचे ते फेल झाले . 
                 २] त्यानंतर आम्ही दुसऱ्यांदा पुन्हा तेच प्रात्यक्षिक केले तेव्हा 
                       ते आम्हाला निट करता आले . 
                  ३] आम्ही सुरुवातीला नकाशा काढताना रॉड व्यवस्थित न 
                      धरल्यामुळे आम्हाला मापे निट घेता आली नाहीत 
                       त्यामुळे आमचे चुकले . 
                   ४] दुसऱ्यावेळेस आम्ही रॉड व्यवस्थित धरला होता . तसेच 
                           सर्व मापे व्यवस्थित घेतली . त्यामुळे आम्हाला हे 
                            प्रात्यक्षिक जमले .            
                      ५] आमची मापे चुकल्यामुळे नकाशा चुकला होता .



         

       १५ ] पट्टी फिटींग करणे        




उद्देश :  वायरींग अभ्यासण्यासाठी पट्टी फिटींग करणे .  


साहित्य : वायर ,पट्टी ,१६a सॉकेट ,स्विच 


 साधने : पक्कड ,स्क्रू ड्रॉयव्हर ,ड्रिलमशीन ,टेस्टर 



कृती : १] फिटींग करण्यासाठी आवश्यक बाबी जाणून घेणे .गरजेचे 
               असते . 
          २] ग्राहकांची सुविधा , डिझायनींग प्लॅन ,हत्यारे यांचा उपयोग 
               इलेक्ट्रिकल लोड मोजणे . 
          ३] करंट होल्टेज लोड हे तपासणे ला सर्किट बोर्ड वरून माहिती                      घेण्यासाठी हे पट्टी फिटींग केली . 



पट्टी फिटींग :-  १]डिझायनींग नुसार लोड अभ्यासून वायर गेज ठरवली . 
                       २] डिझायनींग नुसार कामाचे निरीक्षण केले . टीम वर्क
                             नुसार काम सुरु केले. 
          







                     प्रोजेक्ट 

प्रकल्प  अहवाल   - सन  २०१७  -१८ 

           विज्ञान  आश्रम  पाबळ 

विभागाचे  नाव :- उर्जा  आणि  पर्यावरण .

प्रकल्पाचे  नाव :- अॅटोमॅटिक   इरिगेशन  सिस्टीम .

प्रकल्प  करणाऱ्याचे  नाव :-  पोर्णिमा , अनिशा .

 मार्गदर्शक :-


प्रकल्प  चालू  करण्याची  तारीख :- २ - ०१ - २०१८ 

पूर्ण  होण्याची  तारीख :- ९ -०१ -२०१८ 

नं    अनुक्रमणिका 

१   प्रस्तावना 

२   उद्देश 
३   पूर्व  तयारी 
४    कृती 
५   निरीक्षण 
६   अनुमान 
७   प्रत्यक्ष  खर्च
८   फोटो





प्रस्तावना :- सद्याचे  जग  हे  जास्तीत  ज्यास्त  इलेक्ट्रीकलवर   अवलंबून  आहे .  इलेक्ट्रीकलच्या  माद्यमातून  नव -नवीन  शोध  लावले  जातात  तसेच  आम्ही  इलेक्ट्रीकलवरती  आधारित  हा  प्रोजेक्ट  केला  आहे .

उद्देश :- स्वयंमचलित  सिंचन  प्ध्तीचा  वापर  करून  झाडांना  गरजेपुरत  पाणी  देणे व त्यामधून  पाण्याची  बचत  करणे .

कृती :
१ ] Arduino  तयार  करणे . 
२] Arduino  I . D . E . तपासून  पाहणे . 
३] Arduino  अपलोड  करणे . 
४] Rilye  सर्किट  तयार  केले . 

*  जोडणी :- पंप - आर्डिनो - सप्लाय - रजिस्टर  यांची  जोडणी  केली . 

२. बोर्ड  मधून  सप्लाय  काढून  आर्डिनो ला  दिला  . 
३. ड्रीप  पाईप  जोडणी  केली . 
४. सर्व  व्यवस्तीत  चालू  आहेका  ते  चेक  केले . व  नंतर  ते  प्रोजेक्ट च्या  जागी  म्हणजे  टेरेसला  लावले .  पुन्हा  ते  व्यवस्तीत  चालते का  ते  चेक  केले . 

 * Resistor :- हा  एक  विरोध  करणारा  एक  विदुत घटक  आहे  जो सर्किट  मधील  वर्तमान  प्रवाह  मर्यादा  घालतो .


Resistors are made from materials that have a high electrical resistivity.



RILYE:-  रिले  स्विच  आहे  जे  कमी  पवार  सिग्नल  वापरून  सर्किट  नियंत्रित  करण्यासाठी  वापरले  जाते .  Image result for electrical riley




Dsiode :- हे एक  साधन  आहे  जे  एका  दिशेने  प्रवाह  चालू  करते  आणि  सहसा  सेमी कंडक्टर  साहित्य  द्वारे  बनविले  जाते . यात  येनोड  आणि  कॅथोड  हे  दोन  टर्मिनल  असतात . 

              Image result for electrical diodes

                  

P. C. B. :- P . C. B. च्या  दोन्ही  बाजुंना  इलेक्र्टिक  जोडल्या  जातात  आणि  त्यास  यांत्रिक  पद्धतीने  जोडतात . 

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Arduino:- arduino  हे  एक  ओपन  सोर्स  कम्प्युटर हार्डवेअर  आणि  सॉफ्ट्वेअर  कंपणी   प्रोजेक्ट  आणि   यूजर  कम्युनिटी  आहे . ज्या  मधून  डिजिटल  डिव्हायसेस  आणि  परस्पर  संवादात्मक  वस्तू  तयार  करण्यासाठी  याचा  वापर  होतो . 

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निरीक्षण :- १] निरीक्षणातून  आमच्या  हे  लक्ष्यात  आले कि  sensor  जरी  एक  जागी लावला  असला तरी  आपण ज्या  ठिकाणा  पर्यंत  ड्रीप  पाईप  लावले  आहेत  तिथं  पर्यंत  आपले  पाणी  पोहचते . 
२] सिंचनाद्वारे  पुरेस  पाणी  मिळत . तसेच  आपल्या  पाण्याची  बचत  होते . 


* अनुमान :- १] ARDUINO  चा  प्रोग्र्याम सेट  केल्या शिवाय  आपले  अॅटोमॅटिक  पाणी  चालू  होत  नाही 
२] स्वयंचलीत  सिंचन  पद्धतीने  आपल्या  झाडांना  पुरेसे  पाणी  वेळेवर  मिळते . यातून  आपले  पाणीही  वाया  जात  नाही . 


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 अ . क्र 
 मालाची यादी 
 ऐकून वस्तू 
दर  
 किंमत 
  




१  
 arduino
1200 
1200 
 2
rilye 
20 
20 
 3
soil sensor 
10 
10 
 4
pamp 
350 
350 
 5
dripe pipe 



 6
wire 
9 m 
1m-10ru  
90 
 7
2 pin  
1-10ru 
20 
 8
adapter 
60 
60 
 9
3 pin soket  
15 
15 
 10
resistors 
 11
d.c.b 
 12
 dioder
1
 13
piystik byg  
 10
10 
 14
मजुरी  
25% 
25% 







 एकुण 

 ४४५. ५०





मजुरी :-१७८२ x २५ / १००


=४४५५० / १००


=४४५. ५०



   इलेक्ट्रिकल - केलेल्या  कामांची  यादी 

१] कांडी  कोळसा  तयार  केला - २/११/१७

२] P४० च्या प्लेट  व्यवस्तीत  बसवल्या -०५/११/१७

३] सॉईल  टेस्टिंग  लॅब  पाशी एक  बटन  बसवले - ०९/११/१७

४] सॉईल  मायक्रोबायॉलॉजी पाशी  ब्लबचे कनेक्शन  जरा  खाली  बसवले - ०९/११/१७

 ५] सुप्रीय  ताईच्या  ऑफिस  मधील  मोठो  बोर्ड  काढून  ३ स्विच व ३ सॉकेट  चा  बोर्ड  बसवला . -०९/११/१७

६] सोलर  प्यानलच्या  स्ट्यांडला  कलर  दिला . १२/११/१७

७]  आज  मुलींच्या  हॉस्टेलच्या  टेरेसला  बोर्ड  बसवला -१६/११/१७ ( २ सॉकेट , २ स्विच )

८] आज  ४ नंबरच्या  हॉस्टेल  समोर  पाण्याच्या  टाकी  जवळच  बोर्ड  तुटला  होता  , तो  काढून  तेथे  १ स्विच , १ सॉकेट  चा  बोर्ड  बसवला .- २०/११०/१७

९] सोल्डरिंग  केली - TV  च्या  किटला  - २९/११/१७

१०] IBT  रूम  मध्ये  बोर्ड  बसवला . -०१/१२/१७

११] मिक्सरची  वायडिंग  करायला  मदत  केली - ०६/१२/१७

१२] आज  आम्ही  किचनच्या  शेजारची  वायरिंग  चेक  केली -०८/१२/१७ 

१३] IBT  रूम  ला  कलर  दिला -०९/१२/१७-शनिवार 


* प्रोजेक्टचे  काम :- १] माहिती  मिळवणे . 

२] साहित्य  जमवणे . 
३] त्यांची  जोडणी  करणे इत्यादी . 

१४] आज  आम्ही  कुलकर्णी  सरांच्या  ऑफिस मध्ये  बोर्ड  बसवला . तो  बोर्ड  भरला . 

१५] गर्ल  हॉस्टेल च्या  टेरसला  कनेक्शन  घेतले . 

१६]  तेथे  ३सॉकेट ३ स्विच चा  बोर्ड  बसवला . 


* इलेक्ट्रिकल मध्ये  घेतलेले  काँट्रॅक :- तापमान  व  आद्र्ता  मोजणे .